श्योपुर। मंगलवार को मादा चीता दक्षा की मौत को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। दक्षा की मौत दक्षिण अफ्रीका से लाए गए मेल चीता कोयलिशन अग्नि तथा वायु की आपसी लड़ाई में होना पाई गई। बताया जाता है कि मेटिंग के दौरान दक्षा को सिर पर अग्नि का पंजा लगने से वह गंभीर रूप से घायल हुई और इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
इधर,दक्षा की मौत के साथ ही कूनो पालपुर में तीन चीतों की मौत को लेकर सियासत भी तेज हो गई है। बुधवार सुबह उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा कि कूनो में तीसरे चीते की मौत जानवरों पर क्रूरता का स्पष्ट मामला है। इसकी जांच हो और दोषियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।
अखिलेश ने लिखा कि जब इन चीतों को दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था, तब बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिन लोगों ने यह कार्यक्रम किया था, उन्हें विदेशी चीतों के लिए सुरक्षित माहौल भी तैयार करना था।
इवेंट करने वाले लोग चीतों को बीमारी और आपसी संघर्ष से मुक्त माहौल देने में नाकाम रहे। यहां बता दें मादा चीता दक्षा से पहले उदय और साशा नाम के दो चीतों की मौत हो चुकी है। इसे लेकर प्रबंधन पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
कूना में तीसरे चीते की मौत दरअसल प्रशासनिक हत्या है। केवल राजनीतिक प्रदर्शन के लिए जो भाजपाई मजमा खड़ा किया था, उसका ये दायित्व भी बनता था कि विदेशी चीतों को बीमारी व आपसी संघर्ष से मुक्त सुरक्षित माहौल दे।
ये जानवरों पर क्रूरता का स्पष्ट मामला है, इस मामले में दंडात्मक कार्रवाई…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 10, 2023