भोपाल। नौकरी मप्र पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन में संविदा पर प्रभारी सहायक यंत्री की। वेतन सिर्फ 30 हजार रुपए महीना। नौकरी भी ज्यादा पुरानी नहीं,महज 10-12 साल की और आय करोड़ों में। शान.शौकत ऐसी कि राजधानी भोपाल से सटे फार्म हाउस में महंगे ब्रीड के सौ से ज्यादा कुत्ते। इनके लिए रोटियां बनाने ही ढाई लाख रुपए की मशीन खरीदी गई।
जी हां,यहां बात हो रही है रायसेन जिले के चपना गांव के एक साधारण कृषक रामस्वरूप मीणा के घर जन्मी हेमा मीणा की। भोपाल से बीई करने के बाद हेमा ने कोच्चि की एक निजी कंपनी में नौकरी की। इसी दौरान रामस्वरूप ने अपनी बेटी के हाथ पीले किए लेकिन हेमा को यह शादी रास नहीं आई। पति को तलाक दिया और जुगाड़ बैठाकर 2016 में मप्र पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन में संविदा पर प्रभारी सहायक यंत्री की नौकरी हासिल कर ली।
रातोंरात अमीर हुए पिता ने भी नहीं रोका
दिन गुजरे तो हेमा की मुलाकात एक वरिष्ठ अभियंता से हुई। इसके बाद तो हेमा व उसके पिता के दिन बहुरना शुरू हो गए। देखते ही देखते रामस्वरूप साधारण से एक संपन्न किसान बन गए। भोपाल,रायसेन,विदिशा में कई एकड़ जमीन, हार्वेस्टर,धान बुवाई मशीन, ट्रैक्टर व खेती में काम आने वाले कई महंगी मशीन्स,उपकरणों के वह मालिक हो गए।
स्वयं को बताती थी आईपीएस अधिकारी
इधर,बेटी का रसूख भी कुछ कम नहीं रहा। राजधानी से महज 19 किमी.दूर बिलखिरिया में एक बड़ा सा फॉर्म हाउस,करीब बीस हजार वर्ग फीट में आलीशान बंगला,थार जीप सहित 20 लग्जरी कारें,बंगले में 30 लाख रुपए का एलईडी टीवी,फार्म हाउस में जैमर लगा हुआ ताकि इसमें काम करने वाले मोबाइल फोन पर बात न कर सकें,उन्हें संदेश वॉकी-टॉकी दिए गए।
इसी से वे आपस में संवाद कर सकते थे। पुलिस महकमे में काम करते हुए उसकी कई आईपीएस अधिकारियों से पहचान हो गई थी। इसके चलते वह स्वयं को ही आईपीएस अधिकारी बताती थी। यहां तक कि उसके कर्मचारी भी उसे पुलिस का बड़ा अधिकारी समझते रहे।
लोकायुक्त पुलिस की रेड में हुआ खुलासा
दरअसल,हेमा की इस रईसी व झूठ का खुलासा उस वक्त हुए जब भोपाल लोकायुक्त पुलिस ने एक दिन पहले हेमा के बंगले पर छापा डाला। यह बंगला भले ही उसके पिता के नाम था,लेकिन हेमा का रसूख ऐसा कि उसकी बिना इजाजत के कोई बंगले में कदम भी नहीं रख सकता।
पुलिस ने भी जब हेमा के बंगले में प्रवेश करना चाहा तो वहां मौजूद हेमा के कर्मचारियों ने उन्हें रोक दिया। इस पर पुलिस को कहना पड़ा कि वे उर्जा व पशुपालन विभाग से हैं और सोलर पैनल चेक करने के साथ ही डॉग्स का भी परीक्षण करना है। इसके बाद ही छापा दल को वहां एंट्री मिली। इसी दौरान पुलिस की मुलाकात हेमा से हुई तो उसे सही बात बताकर निगरानी में भी ले लिया गया।
रईसी देखी पुलिस कर्मियों की भी आंखें चौंधिया गईं
प्रारंभिक पड़ताल में हेमा के ठिकाने से प्रारंभिक तौर पर सात करोड़ से अधिक संपत्ति का खुलासा हुआ जो उसकी वेतन से अब तक हुई आय से करीब सवा तीन सौ गुना ज्यादा है।
हेमा के बंगले पर मप्र पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन व कुछ अन्य निर्माण कार्यों के लिए मंगाई गई सीमेंट की बोरिया भी रखी मिलीं। इन पर नॉट फॉर सेल लिखा हुआ है। उसके ठिकाने से लाखों रुपए नकद भी बरामद किए गए।
बंगले से पुलिस हाउसिंग बोर्ड का सरकारी सामान भी मिला है। टीम इसे क्रॉस चेक करा रही है। बताया जाता है हेमा व उसके पिता के बैंंक खाते,अन्य दस्तावेज, जेवर आदि का पूरा मूल्यांकन नहीं हुआ है। यह कार्य शुक्रवार को भी जारी रहा।
बताया जाता है कि हेमा मीणा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत लंबे समय से मिल रही थी,लेकिन पुलिस को सही मौके की तलाश थी और यह कार्रवाई भी सर्च वारंट लेकर की गई।