लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के नॉन एक्जीक्यूटिव चेयरमैन अनिल मणिभाई नाइक (Anil Manibhai Naik) ऐसी अरबपति हैं, जो अपनी सादगी के लिए पहचाने जाते हैं. कुछ वक्त पहले उन्होंने कहा था कि उनकी अलमारी में सिर्फ छह शर्ट, तीन सूट और दो जोड़ी जूते हैं. नाइक की एक साधारण नौकरीपेशा से अरबपति बनने की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है. वह एकदम से चर्चा में इसलिए आ गए हैं, क्योंकि उन्होंने अपना पद छोड़ने का फैसला लिया है. अनिल मणिभाई नाइक 30 सिंतबर 2023 को L&T के नॉन एक्जीक्यूटिव चेयरमैन की कुर्सी छोड़ देंगे.
L&T ने किया था रिजेक्ट
करीब 58 सालों तक L&T की कमान संभालने के बाद वह अब अपनी पारी को विराम देना चाहते हैं. कंपनी के बोर्ड ने उन्हें चेयरमैन एमेरिटस का दर्जा दिया है. जिस कंपनी में नाइक ने इतने साल गुजारे, कभी उसी ने उन्हें नौकरी पर रखने से इनकार कर दिया था. ETPanache को 2018 में दिए एन इंटरव्यू में नाइक ने बताया था कि कैसे उन्हें L&T में रिजेक्ट किया गया और बाद में उन्हें पहले से ही कम सैलरी में काम करना पड़ा.
पहले से कम सैलरी पर काम
नाइक ने बताया था कि पहली बार Larsen & Toubro में रिजेक्ट होने के बाद उन्होंने नेस्टर बॉयलर्स जॉइन की थी. कुछ वक्त उन्हें पता चला कि L&T में हायरिंग चल रही है. वह तुरंत अपनी किस्मत आजमाने पहुंच गए, लेकिन कमजोर अंग्रेजी के चलते उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा. उनसे अंग्रेजी में सुधार करने को कहा गया. हालांकि, उन्हें जूनियर इंजीनियर के पद पर नियुक्त कर लिया गया, मगर सैलरी पहले से भी कम थी. 15 मार्च 1965 में वह एलएंडटी का हिस्सा बने थे.
मिलते थे महज 670 रुपए
अनिल मणिभाई नाइक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता और दादा दोनों टीचर थे. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव से की, फिर गुजरात के बिड़ला विश्वकर्मा माहविद्यालय से ग्रेजुएट किया. L&T में पहली नौकरी के दौरान उन्हें बतौर सैलरी 670 रुपए प्रति महीने मिलते थे. छह महीने बीतने के बाद जब उनकी नौकरी कन्फर्म हो गई, तो सैलरी बढ़कर 760 रुपए महीना हो गई. फिर धीरे-धीरे बढ़ते-बढ़ते उन्हें 1025 रुपए महीने वेतन मिलने लगा. नाइक का प्रदर्शन देखते हुए उन्हें जूनियर इंजीनियर से उन्हें असिस्टेंड इंजीनियर बना दिया गया.
1999 में बने कंपनी के CEO
L&T में 670 रुपए सैलरी से शुरुआत करने वाले नाइक 1999 में कंपनी के सीईओ बने. जुलाई 2017 में उन्हें एलएंडटी समूह का चेयरमैन नियुक्त किया गया. उनके नेतृत्व में L&T ने की तरक्की का ग्राफ लगातार ऊपर चढ़ता गया. 2023 में कंपनी का कुल असेट 41 अरब डॉलर था. नाइक ने अलग-अलग क्षेत्रों में L&T के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. मौजूदा वक्त में एलएंडटी का 90% रिवेन्यु उन कारोबार से आता है, जिसे नाइक ने शुरू किया था. नाइक दिखावा करने वाले एग्जीक्यूटिव्स में शामिल नहीं हैं. उन्हें सादगी पसंद माना जाता है. उन्होंने एक बार कहा था कि वह इस पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं देते कि उनका वार्डरोब भरा है कि नहीं, उनके पास कितने जूते-चप्पल हैं.
…तो सबकुछ कर देंगे दान
2017-18 में नाइक की सैलरी 137 करोड़ और नेटवर्थ 400 करोड़ रुपए थी. वर्ष 2016 में उन्होंने अपनी 75 प्रतिशत संपत्ति दान कर दी थी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि यदि उनके बेटे-बहू भारत नहीं लौटे, तो वह अपनी 100 फीसदी संपत्ति दान कर देंगे. नाइक अपनी संपत्ति का अधिकांश हिस्सा स्कूल-अस्पताल की चैरिटी पर खर्च करते हैं. पिछले साल यानी 2022 में उन्होंने 142 करोड़ रुपए दान दिए थे. अनिल मणिभाई नाइक के बारे में इतना सब जानकर आप भी निश्चित रूप से यही सोच रहे होंगे कि ऐसा अरबपति आज तक नहीं देखा.