“कैलास को अपने नशे का आदी बनाने के बाद मालती कैलाश से अपने देह-सुख की भारी कीमत वसूलने लगी थी। मालती की नीयत भांप लेने के बाद जब कैलास ने उससे दूरी बनाने की कोशिश की तो मालती अपनी एक मुस्त कीमत चुकाने पर अड़ गई जिससे —–“
उस वक्त बीस फरवरी की सुबह के कोई छह-सवा छह बजे का वक्त था जब रीवा जिले के मनगंवा हत्या कर थाना टीआई जेपी पटेल को थाना इलाके खुरहा रघुराजगढ़ गांव के पास स्थित साई मंदिर के नजदीक एक युवक का शव फांसी के फंदे पलटने की खबर मिली।
मामला गंभीर था, इसलिए चंद पलों में ही टीआई जेपी पटेल दलबल के साथ मौके पर पहुँच गए। फांसी पर लटके लगभग 35 वर्षीय युवक का शव नीचे उतने के बाद जब उसके कपड़ो की तलाशी ली तो उसके पास मिले मोबाइल और आधारकार्ड के आधार पर युवक की पहचान खुरहा रघुराजगढ़ निवासी कैलाश यादव के रूप में होने पर पुलिस ने खबर देकर युवक के परिजनों को देकर उन्हें मौके पर बुला लिया।
लगभग घंटे भर बाद ही मौके पर पहुंचे परिजनों द्वारा शव की शिनाख्त कैलाश के रूप में कर देने के बाद पुलिस ने लाश को पीएम के लिए भेजने से पहले मौके की बारीकी से जाँच की। मौके पर जो हालात थे उससे पुलिस को भरोसा था कि मामला आत्महत्या का है ,बावजूद इसके कि मौके पर मौजूद मृतक कैलाश के परिजन उसकी हत्या किए जाने की बात कर रहे थे ।
दरअसल ,मृतक कैलाश पर अगस्त 22 में रीवा के कोतवाली थाने में मालती (बदला नाम) नाम की एक महिला ने बलात्कार का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया था। उक्त मामले में कैलाश जेल भी जा चुका था । 21 फरवरी को इसी मामले में कैलाश पेशी थी।
इसलिए पुलिस का सोचना कि संभवतया मामले में सजा के डर से उसने आत्महत्या की है। बहरहाल, स्थिति दूसरे दिन उस वक्त बदली जब पोस्टमार्टम के बाद मृतक के परिजनों ने गांव वालों के साथ मिलकर जबलपुर- प्रयागराज नेशनल हाईवे क्रमांक 30 पर कैलाश की लाश रखकर रोड़ जाम कर दिया।
गांव वालों द्वारा सड़क रोक देने की सूचना पाते ही रीवा एसपी नवनीत भसीन के आदेश पर उच्चाधिकारी भी मौके पर पहुंचे और कैलाश के परिजनों को समझाकर रास्ता खुलवाने की कोशिश की। लेकिन उनका आरोप था कि कैलाश की हत्या की गई है लेकिन पुलिस इसे आत्महत्या बताने पर तुली है।
मौके पर मौजूद मृतक की पत्नी चिल्ला-चिल्लाकर रीवा के तरहटी मोहल्ले में रहने वाली मालती नाम की महिला पर अपने पति की हत्या करने का आरोप लगा रही थी। मालती ने ही कैलाश पर बलात्कार का आरोप लगाया था।
इसलिए जब मृतक की पत्नी ने मालती का नाम लिया तो टीआई श्री पटेल चौंक गए। उन्होंने कैलाश की पत्नी से विस्तार में पूछताछ की। जिसमें उसने बताया कि दो साल पहले मालती ने खुद आगे बढ़कर उसके पति को अपने जाल में फंसाया था। मालती मेरे पति से काफी पैसा लेती थी।
इसलिए जब मेरे पति ने उससे दूर जाने की कोशिश की तो मालती मेरे पति का पीछा छोड़ने की एवज में एक मुश्त 15 लाख रूपए की मांग की थी। लेकिन इतना पैसा हम कहां से लाते। इसलिए पैसा नहीं देने पर मेरे पति के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज करवा दिया। इतना ही नहीं इस मामले में जब मेरा पति जमानत पर छूटकर आया।,उसके बाद भी वह जेल में सदा देने की धमकी देकर पैसा देने का दवाब बना रही थी।
15 लाख नहीं मिलने पर पहले वह 5 लाख और फिर तीन लाख में सौदा करने राजी हो गई थी। लेकिन हम मेहनत मजदूरी कर पेट भरने वाले लोग। इसलिए आठ लाख भी कहां से देते। हम केस लड़ रहे थे इसलिए वह मेरे पति को दिन रत फ़ोन कर परेशान करने लगी थी। कैलाश की पत्नी ने यह भी बताया कि मेरे पति जबलपुर की एक होटल में काम करते हैं।
21 फरवरी को उनकी पेशी थी इसलिए उन्होंने 20 तारीख को जबलपुर से रीवा आने का कहा था। ऐसे में वह एक रोज पहले ही कैसे रीवा पहुंचे ? इसकी जानकारी किसी को नहीं थी ,क्योंकि जबलपुर से कैलाश रीवा आ चुका है। यह बात घर वालों को तभी मालूम चली जब बीस तारीख की सुबह साढ़े छह बजे पुलिस ने कैलाश की लाश फांसी पर लटकी मिलने की खबर दी थी।
कैलाश की पत्नी के बयानों से टीआई मनगंवा जेपी पटेल को पूरे मामले में पेंच नजर आने लगा। इसलिए उन्होंने मृतक की पत्नी के पूरे बयान की जानकारी एसपी रीवा को देने के बाद भीड़ को कानून सम्मत कार्रवाई करने का भरोसा दिलाकर जैसे -तैसे उनका धरना ख़त्म कराया।
इसके बाद कैलाश की पत्नी के बयानों के आधार पर रीवा के तरहटी मोहल्ला में रहने वाली मालती को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया।
मालती को शायद इस मामले में खुद का नाम आने की उम्मीद नहीं थी सो पहले तो वह इस घटना से अपना कोई संबंध होने से इंकार करती । उसका कहना था कि कैलाश ने मेरे से झूठ बोलकर लंबे समय तक मेरा उपयोग किया था , इसलिए मैने उसके खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज करवाया था।
अब अगर मेरा बलात्कारी फांसी लगा ले या उसकी कोई दूसरा हत्या भी कर दे तो इसका मतलब यह तो नहीं कि इसकी जिम्मेदार वह औरत है जिसके साथ मरने वाला अय्याशी करता रहा है। मालती की बात सुनकर टीआई श्री पटेल समझ गए कि मालती बेहद शातिर है।
इसलिए उन्हें मृतक की पत्नी के बयान पर भरोसा होने लगा। इसी बीच मालती और कैलाश के इस कॉल डिटेल में खास बात यह थी कि जेल से बाहर आने के बाद कैलाश की तरफ से कभी भी मालती हो फोन नहीं किया गया था।
हमेशा मालती ही उसे फोन लगाती रही थी। जाहिर है कि अपने बलात्कारी को कोई औरत बिना किसी खास मकसद के फोन नहीं करेगी। जिस रोज कैलाश जबलपुर से रीवा आया और यहां अपने घर पहुंचने से पहले ही साई मंदिर के पास फांसी पर लटका मिला उस रोज भी मालती ने कैलाश को फोन किया था।
यही नहीं ,उस दिन यानी 19 फरवरी को जब कैलाश का मोबाइल रीवा स्टेशन की लोकेशन में पहुंचा तब मालती का मोबाइल पहले से ही स्टेशन की लोकेशन में पहुंच चुका था। इसके बाद काफी देर तक उनके मोबाइल एक ही लोकेशन में साथ भी रहे थे।
मतलब साफ था कि कैलाश 19 फरवरी को जब रीवा स्टेशन पर उतरा तब मालती पहले से ही उसका वहां इंतजार कर रही थी। दोनों की उस दिन मुलाकात भी हुई थी। अब मालती अपने बलात्कारी को बार -बार फ़ोन क्यों करती थी ?
वहीं 19 तारीख को उसका कैलाश से मिलने का मकसद क्या था। यह जानना पुलिस के लिए बेहद जरूरी था। मालती से पूछताछ के लिए पटेल ने मंझगँवा महिला पुलिस की मदद ली। कड़ाई से पूछताछ शुरू हुई तो थोड़ी ही देर में मालती टूट गई और उसने सब सच उगल दिया।
उसने स्वीकार कर लिया कि कैलाश के साथ उसके बेहद अंतरंग रिश्ते थे। कई बार कैलाश जबलपुर से चुपचाप रीवा आकर उसके घर में कई दिन रुकता था और अपनी पत्नी एवं बच्चों से मिले बिना ही वापस जबलपुर चला जाता था। इसके बदले में कैलाश, मालती को खर्च के लिए पैसे भी देता था।
मालती ने स्वीकार किया कि ये। वह उसके खिलाफ दर्ज करवाए अपने बलात्कार के केस को वापस लेने के लिए कैलाश से मोटी रकम मांग रही थी। बात 15 लाख से शुरू होकर पहले पांच लाख पर आई फिर तीन लाख पर आकर अटक गई थी। 21फरवरी को इसी मामले में पेशी थी जिसके लिए कैलाश 20 तारीख को रीवा आने वाला था। इस बात की जानकारी लगने पर मालती ने उसे एक रोज पहले ही 19 तारीख को रीवा बुलाया और स्टेशन से कैलाश को सीधे अपने घर ले गई। 
मालती ने माना कि उस रोज उस कैलाश पर दया करके उससे कहा था कि अगर वो 3 लाख नहीं दे सकता तो डेढ़ लाख ही दे दे। इतने में भी मालती उसे केस से बचा लेगी लेकिन कैलाश ने पैसा देने से मना कर दिया और रात में ही अपने घर चला गया था। मालती का कहना था कि उसे नहीं मालूम कि कैलाश ने घर जाने बजाए फांसी क्यों लगा ली।
अगर मालती सच कह रही यी कि वो कैलाश को जेल जाने से बचाने के लिए तीन के बजाए डेढ़ लाख रुपयों में ही राजी हो गई थी,तो इसका तो मतलब यही था कि उस रोज मालती ने कैलाश को प्रताड़ना नहीं बल्कि राहत दी थी। ऐसे में कोई आदमी राहत पाकर भी आत्महत्या क्यों करेगा? यानी मतलब साफ कि मालती झूठ बोल रही है .
कहते थे मेरी पत्नी मर गई है
अगस्त 22 में कैलाश के खिलाफ बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज करवाते समय मालती का कहना था कि मेरी शादी 20 साल पहले हो चुकी है। 6 साल पहले तलाक हो गया है। मेरी दोस्ती कैलाश यादव पिता रमई यादव निवासी सुरहा थाना मनगवां से डेढ़ साल पहले हुई थी। कैलाश से मैं मोबाइल पर बातचीत करती थी। कैलाश यादव मेरे घर तरहटी में एक साल पहले आकर बताया कि मेरी पत्नी का देहांत हो चुका है। मैं तुमसे शादी करूंगा।
शादी का लालच देकर मेरे साथ संबंध बनाए। इसके बाद कैलाश यादव आए दिन मेरे घर आता। दो- तीन दिन तक यहां रुकता था। हम दोनों में संबंध बनते और फिर चला जाता था। मुझे तीन-चार महीने पहले पता चला कि कैलाश की पत्नी का देहांत नहीं हुआ है।
उसके दो बच्चे भी हैं। इसके बाद मैने कैलाश से बोला कि तुमने मुझसे झूठ बोला है कि तुम्हारी पत्नी का देहांत हो गया है। फिर भी तुम मेरे साथ संबंध बनाते रहे हो, अब शादी करो। इसके बाद कैलाश ने मोबाइल बंद कर लिया। पता किया तो अपने घर पर भी नहीं है।
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उसने घटना के दिल कैलाश को डराया, धमकाया होगा और एक दिन बाद होने वाली पेशी देख लेने की धमकी दी होगी। जिससे डरकर कैलाश ने को गले लगाना उचित समझा। कहना नहीं होगा ,कि मालती, कैलाश को ब्लैकमेल कर रही थी।
जिससे तंग आकर कैलाश ने अपनी जान दे दी। इसलिए पुलिस ने मालती के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। जहां से उसको जेल भेज दिया गया। जिसके बाद यह कहानी इस प्रकार सामने आई।
रीवा जिले के मनगंवा थाना सीमा में बसे खुरहा रघुराजगढ़ गांव के रहने वाले कैलाश यादव के परिवार में कुल पांच लोग है। कैलाश की पत्नी, दो बच्चे और उसकी बूढ़ी मां घर में कमाने वाला अकेला कैलाश है इसलिए और बच्चों को गांव में बूढ़ी मां के पास छोड़कर वह खुद जबलपुर की एक होटल में नौकरी करता था।
जिस इश्क और अवैध रिश्ते के चलते कैलाश को अपनी जान देना पड़ी उसकी शुरूआत दो साल पहले उस समय शुरू हुई जब कैलाश अपने बीमार भतीजे को देखने जबलपुर से रीवा के संजय गांधी अस्पताल आया जहां उसका भतीजा उपचार के लिए भर्ती था। इसी दौरान कैलाश की चचेरी बहन के पति के साथ मालती अस्पताल में आई थी .
जहां उसे कैलाश के बारे में जानकारी लगी। कैलाश के घर में अपनी खूबसूरत पत्नी और दो प्यारे बच्चे तो थे ही साथ ही साथ कैलाश की इतनी कमाई भी नहीं थी कि वह दूसरी औरत या अय्याशी के बारे में सोचे।इसलिए अस्पताल में अपने बहनोई के साथ आई मालती पर उसने ध्यान नहीं दिया। शादीशुदा मालती अपने पति से तलाक के बाद रीवा के तरहटी मोहल्ले में अकेली रहती थी।
कैलाश के चचेरे बहनोई के साथ उसकी जान पहचान थी जिसके चलते वह उनके साथ अस्पताल आई थी। कहानी की असली शुरूआत इसके दो महीने बाद एक रात लगभग दो बजे उस वक्त शुरू हुई जब गहरी नींद सो रहे कैलाश के मोबाइल पर किसी युवती का फोन आया।
चूंकि कैलाश उस युवती से परिचित नहीं था इसलिए उसने रांग नंबर कहकर फोन काट दिया।
दूसरे दिन आधी रात में फिर उसी नंबर से कैलाश को फोन आया। कैलाश उसी युवती की आवाज सुनकर थोड़ा खीज गया.
..तो सामने से युवती बोली कोई लड़की तुम्हें आधी रात में फोन कर रही है और तुम गुस्सा हो रहे हो, पत्नी के साथ बिजी हो क्या ?
आप कौन है में आपको नहीं जानता। बात करो तो सब जान जाओगे। दोस्ती भी हो जाएगी। मालती कैलाश से जानबूझकर सेक्सी आवाज में बात करती। इसलिए पत्नी से दूर जबलपुर में रह रहे कैलाश का खून भी मालती की खनकती आवाज से खोलने लगा।
उसने उस रात मालती से लगभग दो घंटे तक फोन पर बात की। जिसके बाद रोज रात में मालती उसे फोन करने लगी। इसमें सबसे बड़ी बात तो यह थी कि इस वक्त तक न तो कैलाश को यह मालूम था कि फोन करने वाली लड़की वहीं है जो उसके चचेरे बहनोई के साथ दो महीने पहले अस्पताल में मिली थी और न ही मालती ने उसे यह सब बताया।
धीरे-धीरे फोन पर मालती कैलाश से अश्लील बातें करने लगी। इस पर जब कैलाश ने उससे मिलने की इच्छा जाहिर की तो मालती ने उसे अपने घर का पता बताते हुए कभी आकर मिलने का खुला न्यौता दे दिया। मालती रीवा की रहने वाली है यह सुनकर कैलाश मारे खुशी से झूम उठा। उसने दो दिन बाद ही होटल से 8 दिन की छुट्टी ली और रीवा गया।
फोन पर सेक्सी बातें करने में माहिर हैं आरोपी
जाँच में यह बात सामने आई है कि मृतक के साथ दोस्ती करने के लिए आरोपी मालती ने ही उसे फोन करना शुरू किया था। इस दौरान मृतक ने उसे टालने की कोशिश की तो मालती ने उससे फोन पर उत्तेजक बातें कर अपने जाल में फंसा लिया था। जांच में सामने आया है कि मृतक अपनी पत्नी से छुपकर बबलपुर से रीवा आकर आरोपी मालती से मिलकर चुपचाप वापस चला जाता था।
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